भाद्रपद अमवस्या क्या है और उसकी कुछ जानकारी।
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हम लोग का जिज्ञासा है :-
(1) क्या है अमवस्या ? इसके बारे में क्या कहता है हिंदू धर्म ?
(2) भाद्रपद अमवस्या किसे कहते हैं ?
(3) इस अमवासा के ऊपर शास्त्र में क्या ऊल्लेख है ?
(4) क्या यह दिन हमारे लिए हानिकारक है या नहीं ?
इस तरह कई सारे प्रश्न मन में उठ रहे होंगे। कृप्या जानने के लिए आगे पढ़ें :-
जानने से पहले आपको जानना होगा कि अमवस्या होता क्या है ? :-
हिन्दू पचांग के अनुसार यह वह तिथि होती है, जिस समय पर चंद्रमा लुप्त हो जाता है और रात को घना अंधेकार छाया रहता है। इस मास को दो हिस्सों में विभाजित किया जाता है, शुरुआती दौर में चंद्रमा बढ़ता रहता है और अपना एक पूर्ण आकार धारण करता है, जिससे हम पूर्णिमा कहते हैं। उस रात की पश्चात चांद घटना आरंभ करता हैं।
भाद्रपद अमवस्या क्या है ? :-
भाद्रपद अमवस्या भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमवस्या को कहते हैं। इस अमवस्या को कई भारतीय दूसरे नामों से भी पहचानते हैं जैसे भादो या भादी अमवस्या । हिंदू धर्म के अनुसार यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से पितरों का दर्पण, दान, काल सर्प दोष से छुटकारा आदि उपायो के लिए यह एक विशेष दिन है।
शास्त्रों के अनुसार, अमवस्या का महत्व क्या है ?
शास्त्रों के अनुसार यह दिन हिंदू समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। पीतृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस तिथि का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस तिथि को तर्पण, स्नान, दान आदि का विशेष महत्व है तथा यह बहुत ही पुण्य फलदाई माना जाता है। भारत का प्रमुख त्योहार दीपावली अमावस्या को ही मनाया जाता है। सूर्य पर ग्रहण इसी तिथि को लगता है। कोई जातक यदि कालसर्प दोष से पीड़ित है तो उससे मुक्ति के उपाय के लिए भी अमवास्या काफी कारगर मानी जाती है।
इस तिथि को क्या करें या क्या ना करें ? :-
(1) हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस तिथि पर अपने पितरों का तर्पण करने का विधान उल्लेख है। यह खास तिथि चंद्र मास की आखिरी तिथि है।
(2) इस तिथि पर हमें भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करना चाहिए, इसे बहुत शुभ माना जाता है।
(3)इस तिथि पर हमें गंगा स्नान और दान करना चाहिए।
(4) इस दिन खेतों में हल चलाना या खेत जोतना अशुभ माना जाता है।
(5)इस तिथि पर अगर किसी को संतान सुख की प्राप्ति होती है तो उसे शांतिपाठ करना पड़ता है।
(6) इस दिन क्रय-विक्रय और सभी शुभ कार्यों को करना वर्जित है।
(2) भाद्रपद अमवस्या किसे कहते हैं ?
(3) इस अमवासा के ऊपर शास्त्र में क्या ऊल्लेख है ?
(4) क्या यह दिन हमारे लिए हानिकारक है या नहीं ?
(2) इस तिथि पर हमें भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करना चाहिए, इसे बहुत शुभ माना जाता है।
(3)इस तिथि पर हमें गंगा स्नान और दान करना चाहिए।
(4) इस दिन खेतों में हल चलाना या खेत जोतना अशुभ माना जाता है।
(5)इस तिथि पर अगर किसी को संतान सुख की प्राप्ति होती है तो उसे शांतिपाठ करना पड़ता है।
(6) इस दिन क्रय-विक्रय और सभी शुभ कार्यों को करना वर्जित है।
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